संशोधित आदेश : 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में प्रभावित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की होगी भर्ती, इसके अतिरिक्त 17000 रिक्त पदों पर की जायेगी नयी भर्ती
यूपी के प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ, सीएम योगी आदित्यनाथ जल्द करेंगे ऐलान
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की उम्मीद संजोए लाखों युवाओं को यह खुश करने वाली खबर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही नई शिक्षक भर्ती का ऐलान करेंगे। सीएम के निर्देश पर विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्योरा जुटाने व नए पद सृजन की जरूरतों की तलाश के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है। चेयरमैन राजस्व परिषद मुकुल ङ्क्षसघल की अध्यक्षता में सचिव बेसिक शिक्षा अनामिका ङ्क्षसह व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल को सदस्य बनाया गया है। समिति की ओर से रिपोर्ट सौंपने के बाद भर्ती का ऐलान होगा।
शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कक्षा एक से पांच तक के विद्यालयों में एक सितंबर से शुरू हुए पठन-पाठन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि स्कूलों में तैनात नए शिक्षकों की प्रतिभा का सही इस्तेमाल करें। शिक्षक व छात्रों के अनुपात को आदर्श रूप में बनाए रखें। योगी ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों को सुदृढ़ करने के लिए सरकार सतत कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में जरूरत के अनुसार शिक्षकों की रिक्त पदों पर नियुक्ति हो और नए पदों का सृजन भी किया जाना चाहिए। नियुक्तियों से पहले स्कूलवार रिक्तियों का परीक्षण करना जरूरी है, इसके लिए राजस्व परिषद के चेयरमैन की अध्यक्षता में विशेष समिति गठित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि समिति जल्द रिक्त पदों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे। समिति की अनुशंसा पर नई नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू होगी। बेसिक शिक्षा के अधिकारियों को स्कूलों के कायाकल्प अभियान के तहत अवशेष कार्यों को पूरा करने के निर्देश भी दिए।
दो शिक्षक भर्तियां लगभग पूरी : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों की 68,500 भर्ती के पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिलने वाली है। इसके बाद भर्ती पूरी होने का ऐलान हो सकता है। वहीं, 69,000 पदों की भर्ती तीन चरणों की काउंसिलिंग के बाद लगभग पूरी हो गई है। चयनितों को स्कूल आवंटित होने का इंतजार है। दोनों भर्तियों में करीब 1.15 लाख से अधिक को नियुक्ति मिली है।
51,112 पद पहले से खाली, 23 हजार पदों पर चयन नहीं : बेसिक शिक्षा विभाग ने 69,000 शिक्षक भर्ती की शीर्ष कोर्ट में सुनवाई के दौरान हलफनामा दिया था कि विभाग में 51,112 शिक्षकों के पद खाली हैं। शिक्षामित्रों के पक्ष में फैसला आने पर भर्ती पूरी होने के बाद भी नियुक्ति दी जाएगी। हालांकि फैसला शिक्षामित्रों के हक में नहीं आया। 68,500 भर्ती में करीब 23 हजार पद खाली हैं। दोनों भर्ती के रिक्त पद जोड़कर योगी सरकार की सबसे अधिक पदों की भर्ती घोषित हो सकती है।
नई भर्ती की ये भी अहम वजह
शीर्ष कोर्ट ने 69,000 भर्ती में भले ही शिक्षामित्रों के हक में फैसला नहीं सुनाया, लेकिन उन्हें एक और मौका दिए जाने का आदेश किया है। यानी अगली भर्ती में शिक्षामित्रों को पहले की तरह वेटेज दिया जाएगा।
बड़ी संख्या में प्रतियोगी 68,500 शिक्षक भर्ती के रिक्त पदों पर 69,000 भर्ती की लिखित परीक्षा में सफल होने वालों को नियुक्ति देने की मांग कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग इससे साफ इन्कार कर चुका है।
69,000 शिक्षक भर्ती में एक वर्ग के अभ्यर्थी गड़बड़ी होने का आरोप लगाते हुए आंदोलन कर रहे हैं। नई भर्ती घोषित होने से प्रतियोगियों का आंदोलन पीछे चला जाएगा।
भर्ती में बाधा बनेगी यूपीटीईटी
भर्ती में उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)-2020 बाधा बनेगी। परीक्षा संस्था ने दिसंबर में यह इम्तिहान कराने का प्रस्ताव दिया था। बेसिक शिक्षा मंत्री डा.सतीश द्विवेदी यह परीक्षा पहले कराने का निर्देश दे चुके हैं। अभी नए प्रस्ताव का इंतजार है। ज्ञात हो कि पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण ही शिक्षक भर्ती में शामिल हो सकते हैं। हालांकि प्रदेश में पहले ही बड़ी संख्या में पात्र प्रतियोगी उपलब्ध हैं।
यूपी के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के 72712 पद खाली
◆ प्राइमरी में 63261, उच्च प्राथमिक में 9451 शिक्षकों की कमी
◆ शहर व गांव के स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 53778 पद हैं रिक्त
◆ 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के बाद यह है स्थिति
बेसिक शिक्षा परिषद के 113289 प्राथमिक और 45625 उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 72,712 पद खाली हैं। पिछले तीन साल में 68500 और 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के बाद स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है।
प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 63261 पद रिक्त हैं। जून 2021 में ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में 51, 112 पद खाली थे जिसका हलफनामा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल जून में ही लगा दिया था। इसके अलावा नगर क्षेत्र के स्कूलों में 12149 शिक्षकों की कमी है।
हालांकि नगर क्षेत्र का कैडर अलग होने के कारण इन पदों पर सीधी भर्ती नहीं होती। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक में प्रधानाध्यापकों के 53778 पद रिक्त होने की सूचना शासन को भेजी गई है।
नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी
शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूल उपेक्षा के शिकार हैं। यहां बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं। नगर क्षेत्र में सहायक अध्यापकों के स्वीकृत 13653 पदों के सापेक्ष मात्र 1524 ही कार्यरत हैं। कार्यरत शिक्षकों की तुलना में तकरीबन आठ गुना यानी 12129 पद रिक्त पड़े हैं। ग्रामीण से नगर क्षेत्र में शिक्षकों का स्थानांतरण 2011 के बाद से न होने और हर साल शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने से बदतर होती जा रही है।
उच्च प्राथमिक स्कूलों में सीधी भर्ती नहीं
परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में 9451 पद खाली हैं। लेकिन सरकार ने इन स्कूलों में सीधी भर्ती पर रोक लगा रखी है। 2013 में गणित और विज्ञान विषय के 29334 सहायक अध्यापकों की भर्ती के बाद से उच्च प्राथमिक में कोई भर्ती नहीं हुई है।
दो साल से शिक्षक भर्ती के लिए आंदोलित हैं बेरोजगार
बीएड / डीएलएड (पूर्व में बीटीसी) और टीईटी/सीटीईटी पास लाखों बेरोजगार दो साल से सरकार से नई भर्ती शुरू करने की मांग कर रहे हैं। दर्जनों बार ट्विटर पर अभियान चलाने के अलावा लखनऊ में धरना दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।