सुनवाई शुरू
तिवारी सर बहस का शुभारंभ किये
1 दिसंबर, 2018 के विज्ञापन में कोई कट – ऑफ का जिक्र नहीं तो रिजल्ट कैसे जारी हो
इलाहाबाद के और लखनऊ के जजमेंट में कुछ कट ऑफ का जिक्र है और वो कट-ऑफ 7 जनवरी, 2019 को लागू किया गया
कोर्ट के समक्ष कुछ महत्वपूर्ण केस ऑर्डर तिवारी सर द्वारा रखे गए ।
68500 और 69000 शिक्षक भर्ती में अंतर बता रहे हैं
माई लार्ड व्हाट इज मिनिमम ? तिवारी जी ने पूछा
पेज55,रूल 2xकी समानता कोर्ट ऑर्डर के माध्यम से समझा रहे हैं तिवारी सर ।सिंगल बेंच ने अपैक्स कोर्ट की भी अवमानना की है quash करके।
सरकार को अधिकार समय समय पर न्यूनतम आहर्ता अंक में परिवर्तन करने का
If minimum should look like minimum than minimum is zero…..And zero can’t be allowed sir :- tiwari sir
सिंगल बेंच में इमोशनल कार्ड खेलकर हमारे याचियों के विपक्षियो ने गुमराह करके भारांक के साथ कम पासिंग मार्क भी मांग लिया था SC का ऑर्डर ऐसा नहीं है।
सिंगल बेंच Beyond the demand of writ petition कैसे फैसला नहीं दे सकती है 40 45 का फैसला डिमांड नहीं था ।
Well argument is going on by Tiwari sir,
पंकज सर टू तिवारी जी पुराने परीक्षा कि बात हो चुकी है
तिवारी सर हम अपने तरह से रखना चाहते हैं
शिक्षामित्र का कहना है अधिक अंक आफ हमें बाहर करने के लिए लगाया गया तो पिछली बार में क्या कोई शिक्षामित्र फेल नहीं हुआ
जब हम नई परीक्षा में भाग ले रहे हैं तो नियम पुरानी परीक्षा के कैसे लग सकते हैं
They have not challenge the validity of rule, they will definitely get weightage if they pass the atre exam
अगर आप कैरियर के प्रति गम्भीर हैं तो आप अधिकतम का प्रयास करेंगे सर सिंगल बेंच ने क्या सोचकर कंसीडर किया इस पर प्रश्नचिन्ह है वही ऑर्डर सस्टेन नहीं किया जा सकता है ।
पिछली परीक्षा में जिस कटऑफ पर असफल हुए इस बार nature of exam बदलने के बाद वही कटऑफ की मांग करना पूर्णतः अनुचित है।
शिक्षा का उद्देश्य क्या है ?तिवारी जी
जब आप एक छोटे से बच्चे को समाज के लिए तैयार करते हैं तो क्या उसके लिए सबसे अच्छे का प्रबंध नहीं करते
यहां पर विरोधियों को लिबर्टी के आधार पर उन बच्चों के बीच जाना है जो समाज के निर्धारक है, सरकार ने कहा तुम सब 90/97 पास करो सबको 25% भारांक देंगे
पिछली भर्ती का विज्ञापन पढ़ते हुए.2019 का विज्ञापन पढ़ते हुए नई गाइडलाइन जारी हुई 1dec को
दोनों विज्ञापनों में साफ लिखा है कि यह कट ऑफ इसी भर्ती के लिए मान्य है
अब तो प्वाइंट पंकज सर को भी याद हो गए हैं तिवारी सर के पहले विज्ञापन के बिंदु सर ही बता रहे हैं.
68500 परीक्षा ओएमआर शीट्स पर नहीं था वह सब्जेक्टिव परीक्षा थी यह 69000 बहुविकल्पीय है तिवारी सर प्रमाण दोनों GO
जब आप परीक्षा में शामिल हुए थे तो आपको पता था कट ऑफ नहीं है और रिजल्ट जारी करने के लिए कोई कट ऑफ तो होगी ही
7 जनवरी का शासनादेश अपने तय मानकों के अनुरूप जारी किया गया और सिंगल बेंच ने बिना किसी अधिकार के इसे रद्द कर दिया और 40%-45% का आदेश अपेक्स कोर्ट के विरुद्ध जा के दिया जो कि अपैक्स कोर्ट में पेंडिंग है।
सिंगल बेंच में यह तर्क की कट-ऑफ सिर्फ एक वर्ग शिक्षामित्रों को फेल करने के लिए लगायी गयी कहा तक सही जबकि प्रतिभागी 4.10 लाख थे और कटऑफ सबके लिए समान रूप।से लागू 68500 में कट-ऑफ कम थी फिर ये असफल क्यो हुए।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा आनन्द कुमार केस में दिए गए सारे आदेश उम्र में छूट,भारांक सब इन्हें प्रदान किया जा रहा लेकिन सामान्य प्रक्रिया तो इन्हें पूरी करनी पड़ेगी जैसे शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पास करना।
कट ऑफ को 20% बढ़ाकर बताने के ये कारण कि objective vs subjective सही नहीं उसपर तिवारी जी समझाते कि कैसे वहां 1/4 कि प्रायिकता होती
B.Ed के बचाव में बहस करते हुए
सिंगल बेंच में कहा गया कि बीएड को शामिल करने के कारण कट ऑफ बढ़ाया
सरकार ने कहा तुम सब 90/97 पास करो सबको 25% भारांक देंगे- तिवारी सर।जो पूछता ज़्यादा है,उसी को समझ में भी आता है,
तिवारी जी तो इरशाद सर के सारे डाउट क्लीयर करे दे रहे हैं।
मज़ेदार बहस चल रही है
सिंगल बेंच में कहा गया कि बीएड को शामिल करने के कारण कट ऑफ बढ़ाया, बीएड जो कि सुपीरियर क्वालीफिकेशन है यदि वह परीक्षा में शामिल हुए तो उनके क्वालिटी मार्क तो जुड़ने ही थे
तिवारी सर ने बीएड को सुपीरियर कहा
माननीय इरशाद अली सेड एट ATRE 2018, दिस इज नाट ए रिकूटमेंट आफ पिओन
बीटीसी बीएड जो दोनों सरकार द्वारा स्वीकृत हैं कोई क्वालिटी पॉइंट नहीं पा रहे है फिर भी पक्ष में हैं ।
जिन्हें भारांक मिल रहा वो विपक्ष में क्यों ? तिवारी सर
नेगेटिव मार्किंग न होने के कारण गेस मारने की प्रवित्त भी परीक्षा में प्रभावी थी । सही आंसर न पता होने पर सम्भावना के आधार पर लगाये गए आंसर भी फायदा पहुँचा सकते हैं ।
ऐसे में पासिंग मार्क कम रखना गलत होगा – तिवारी सर
अनिल तिवारी जी कोर्ट को गुमराह करने के भरपूर प्रयास में सिंगल बेंच वाली ही बहस दोहराते हुए कोर्ट का कड़ा रुख आपके पास परीक्षा के बाद पासिंगमार्क तय करने का कोई ठोस साक्ष्य सबूत हो तो प्रस्तुत करे अन्यथा कोर्ट के बेशकीमती समय को बर्बाद न करे!टीम रिजवान अपडेट
आनन्द कुमार के केस में जो दिया है देंगे लेकिन पहले अग्नि परीक्षा लेंगे…. देश के भविष्य का सवाल है…-तिवारी सर
जब आपकी सेवाओं के कारण आपको 25% मिल रहा तो न्यूनतम आहर्ता अंक को पार तो करेगा
60%-65% कटऑफ तरकश के अंतिम बाण श्री अनिल तिवारी जी बेहतरीन तैयारी को कोर्ट के सामने रखते हुए।
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